
रोजमर्रा के काम निपटाने में दर्द आड़े आने लगे। राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं पर निर्भरता बढ़ जाए तो समझ लीजिए बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगी हैं। भोजन में पोषक तत्वों की कमी हो गई और प्रकृति के साथ हम सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं। इसका खामियाजा जोड़ों के दर्द (आर्थराइटिस एवं गठिया) की बीमारी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। अगर योग और प्राकृतिक जीवनचर्या को अपना लिया जाए तो इस दर्द से छुटकारा संभव है। इसकी पुष्टि केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सहयोग से श्रीनाथ प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग केंद्र (भगवतदास घाट, कानपुर) के शोध में हुई है।
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