
शौक जब जुनून बन जाता है तो वह जीवन को एक नया आयाम देता है। कुछ ऐसा ही जुनून रामानंद शुक्ला को लगा। लोगों की फिजियोथिरेपी करने का। धीरे-धीरे वह इसी राह में आगे बढ़ते गए। पढ़ाई के दौरान ही वह कई आर्थोपेडिक चिकित्सकों के यहां फिजियोथिरेपी करने लगे।
from Jagran Hindi News - uttar-pradesh:kanpur-city https://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-18144676.html
Comments
Post a Comment